लॉक डाउन : टैक्स : करोड़ों का राजस्व नुकसान
मेरठ।
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते तमाम उद्योग-धंधे और बाजार बंद है। सर्वाधिक राजस्व देने वाले पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री भी पांच फीसदी के आसपास है। शराब की दुकानें रेड जोन को छोड़ देहात इलाकों में खुल गई। इस समय सिर्फ आवश्यक वस्तुओं खान-पान की चीजों की है बिक्री हो रही है। ऐसे में जिले में करोड़ों का राजस्व प्रभावित हुआ है। यदि उद्योग-धंधे चलते और बाजार खुलते तो मार्च और अप्रैल महीनों में करोड़ों का राजस्व सरकार खजाने में आता।
लॉक डाउन में सिर्फ खाने-पाने की वस्तुओं की बिक्री हो रही है। ऐसे में तमाम इंडस्ट्री के साथ ही बाजार बंद है। जिसे से उत्पादों का निर्यात भी नहीं हो पा रहा। पेट्रोल की बिक्री का ग्राफ गिर गया। रोजाना औसतन 15 करोड़ के आसपास पेट्रोल-डीजल बिकता था, जो अब पांच फीसदी के आसपास है। शराब की दुकाने भी बंद है। ऑटोमोबाइल सेक्टर का शटर गिरा हुआ है। ईंट भट्टों पर भी काम प्रभावित है। पान मसाला, सिगरेट-बीडी की बिक्री नहीं हो पा रहे। ऐसे में व्यापार-कारोबार नहीं होने से सरकार को राजस्व का भी नुकसान हो रहा।
विभिन्न विभागों के अधिकारियों का मानना है कि एक आंकलन के मुताबिक मार्च महीने के करीब 30 फीसदी टैक्स आया होगा। हालांकि अभी कोई आंकड़ा नहीं आया। अधिकारियों का कहना है कि मार्च में होली तक काम हुआ। इसके बाद कोरोना से अस्त-व्यस्त हो गया। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और फिर लॉक डाउन लागू है। ऐेसे में अप्रैल में सिर्फ खान-पान की वस्तुओं की बिक्री पर ही टैक्स मिलेगी। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश सरकार को मार्च और अप्रैल महीने में जीएसटी राजस्व में 170 करोड़ से अधिक की नुकसान हो चुका है। सीजीएसटी को भी पूरे पश्चिमांचल और उत्तराखंड़ में दो हजार करोड से अधिक की राजस्व चोट मानी जा रही है।
राजस्व पर एक नजर
राज्य जीएसटी और सीजीएसटी : हर महीने 300 सौ करोड़ से अधिक राजस्व
बिजली : पश्चिमांचल के 14 जिलों में 1500 करोड़ से अधिक
पेट्रोल और शराब : एक हजार करोड़ से अधिक
मोबाइल कंपनियां : 60 करोड़ से अधिक
आयकर : 700 करोड़ से अधिक सालाना
व्यापारी प्रभावित, सरकार को राजस्व का नुकसान
कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर लॉक डाउन में व्यापार-कारोबार बंद है। ऐसे में व्यापारी-उद्यमी को प्रभावित है ही, साथ ही व्यापार-कारोबार प्रभावित होने से सरकार को भी राजस्व का बड़ा नुकसान होगा।
कमल ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ
मेरठ से मिलता है करोड़ों का राजस्व
मेरठ और बागपत जिलों से राज्य जीएसटी को टैक्स के रूप में एक सौ करोड़ के आसपास राजस्व बतौर टैक्स मिलता है। लॉक डाउन में जो व्यापार-कारोबार प्रभावित है, उसका इस
संपूर्णानंद पांडे, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1