शामली ।नोडल अधिकारी प्रेम रंजन सिंह द्वारा औधोगिक एरिया की स्टील इकाई का निरीक्षण
शामली.
कोरोना वायरस(कोविड-19)से प्रभावित मरीजों के उपचार इनके संक्रमण के प्रसार के रोकथाम आदि हेतु शासन से जनपद के लिए नामित नोडल ऑफिसर श्री प्रेम रंजन सिंह विशेष सचिव सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा अपने स्थलीय निरीक्षण के दौरान सर्वप्रथम सर्वश्री शामली स्टील प्रा० लि०, इण्डस्ट्रीयल इस्टेट क्षेत्र, कण्डेला, जनपद-शामली का स्थलीय निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के समय संबंधित द्वारा नोडल ऑफिसर को अवगत कराया गया कि इस इण्डस्ट्रीज में पीआरडब्लू लोहे के पाईप, सरिया आदि बनाया जाता है। उन्होंने अभी बताया गया कि हमारे द्वारा बिलट का आयात किया जाता। लॉकडाउन से पहले प्रतिदिन लगभग 200 टिन प्रति दिन माल बनाया जाता था।किन्तु लॉकडाउन होने के कारण अब प्रत्येक दिन 65 टन प्रति दिन माल ही बना पाते हैं,क्योंकि लॉकडाउन से पहले इण्डस्ट्रीज में 200 मजदूर काम करते थे व लॉकडाउन के कारण अब केवल 70 से 80 मजदूर ही काम कर रहे हैं। मजदूरों की कमी एवं माल की 60 प्रतिशत मांग कम होने के कारण उत्पादन कम हो गया है। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि लॉकडाउन से पहले दो शिफ्ट में काम चलता था,किन्तु लॉकडाउन के बाद 01 ही शिफ्ट में 08 घण्टे काम चलता है। इण्डस्ट्रीज में काम करने वाले मजदूरों द्वारा ग्लब्स, मास्क, कैप आदि का प्रयोग किया जा रहा है तथा इण्डस्ट्रीज में सैनेटाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। जगह-जगह पर डस्टबिन बने हुए हैं तथा साफ-सफाई की व्यवस्था बहुत अच्छी है।तथा प्रतिदिन प्लांट को सैनेटाइज किया जाता है तथा गार्ड्स द्वारा आने जाने वाले मजूदरों को सैनेटाइजेशन का कार्य कराते हैं। इसके अतिरिक्त हमारे यहाँ प्रतिदिन सभी स्टाफ व मजदूरों के स्वास्थ्य की जाँच करायी जाती है। उन्होंने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा किए गए 20 लाख करोड़ पैकेज की घोषणा इण्डस्ट्रीज जगत में एक मोरल बूस्टर का कार्य कर रही है।साथ ही अब उत्तर प्रदेश में पहले के मुकाबले इण्डस्ट्रीज को चलाना आसान हो गया है। यदि कहीं कोई दिक्कत आती है तो प्रशासन द्वारा पूरा सहयोग किया जाता है।निरीक्षण के समय नोडल ऑफिसर ने इण्डस्ट्रीज में सैनेटाइजेशन हेतु एक टर्नल बनाने के लिए निर्देशित किया गया।निरीक्षण के अगले क्रम में नोडल ऑफिसर द्वारा एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन (आईपीएम) प्रयोगशाला, कैराना जनपद शामली का निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के समय संबंधित द्वारा बताया नोडल ऑफिसर को अवगत कराया गया कि इस प्रयोगशाला के द्वारा ट्राईकोडर्मा हरजियानम (जैविक फफूंदीनाशक) एवं ब्यूवेरिया बेसियाना (जैविक कीटनाशक) का उत्पादन किया जाता है। बताया गया कि भूमि में कवक(फंफूंदी) की अनेक प्रजातियाँ पायी जाती हैं, जिनमें कुछ प्रजातियाँ फसलों / पौधों में रोग उत्पन्न कर हानि पहुँचाती हैं, वहीं कुछ प्रजातियाँ फसलों के लिए लाभदायक होती हैं। इन लाभदायी फफूंदी की प्रजातियों में ट्राईकोडर्मा विर्डी व ट्राइकोडर्मा हरजियानम प्रमुख हैं। पर्यावर्णीय असन्तुलन संबंधी विभिन्न तरीकों से खेती में लाभदायी फफूंदी की कमी होने के कारण हानिकारक फंफूंदों का घनत्व बढ़ने से फसलों में विभिन्न रोगों का प्रयोग बढ़ा जाता है। अतः आईपीएण विधि के द्वारा आच्छादित फसल क्षेत्रों में इस पर्यावर्णीय मित्र फफूंदी की मात्रा को बढ़ाने से भूमि जनित फफूंदी कारकों का उचित प्रबन्ध कर कम लागत पर अधिक व सुरक्षित फसल उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।उनके द्वारा बताया गया कि धान, गेहूँ, तिलहन, दलहन, गन्ना,कपास, सब्जियों, फूलों, फल, वृक्षों की जड़ या तना विगलन आदि रोग जो कि भूमि में विद्यमान हानिकारक फंफूंद से उत्पन्न होते हैं, जो बीजों के अंकुरण को प्रभावित करती है एवं अंकुरण के बाद आद्रपतन या पौधों के अन्य विकास स्तर पर भी रोग उत्पन्न करती है। सामान्यतः फंफूंदीनाशक रसायनों से बीज उपचार का प्रभाव अल्प अवधि हेतु होता है एवं ज्यादा प्रभावी नहीं हो पाता है।जबकि इस रोगों का नियंत्रण ट्राइकोडर्मा से सफलापूर्वक किया जाता है। बताया कि 01 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा का प्रयोग 05 ऐकड भूमि में किया जाता है। भूमि में पायी जाने वाली लाभदायक फंफूदी की प्रजातियों में ब्यूवेरिया बेसियाना फसलों में हानि पहुँचाने वाले कीटों में लार्वा, दीमक, सफेद गिडार के नियंत्रण में प्रभावी पाया गया है।यह फंफूंदी किटों के लार्वा को रोग ग्रस्त कर देती है, जिससे सूडी, दीमक खाना-पीना बन्द कर देती है और 04 या 05 दिन में मर जाती है। इस प्रकार ब्यूवेरिया बेसियाना के प्रयोग से धान, गेहूँ, गन्ना, तिलहनी फसलों, कपास विभिन्न सब्जियों, फसलों एवं फूलों एवं वृक्षों को दीमक, सफेद गिडार, सूंडी से होने वाली हानि से बचाया जाता है। बताया गया कि हमारे द्वारा गत वर्ष 38 हजार किलोग्राम का उत्पादन किया था।उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कारण प्रोडक्शन यूनिट को बन्द कर दिया गया है,क्योंकि पुराना माल ही नहीं जा पा रहा है।संबंधित द्वारा बताया गया कि ट्राईकोडर्मा हरजियानम (जैविक फफूंदीनाशक) एवं ब्यूवेरिया बेसियाना (जैविक कीटनाशक) की खरीद पर किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान मिलता है। किसानों को केवल 25 प्रतिशत का ही भुगतान करना पड़ता है।निरीक्षण के अगले कर्म में नोडल ऑफिसर द्वारा उप कृषि निदेशक एवं जिला कृषि अधिकारी के साथ बैठक कर आवश्यक जानकारी प्राप्त की गई जिसमें संबंधित अधिकारियों द्वारा नोडल ऑफिसर को अवगत कराया गया की 2019-20 में रबी मौसम की फसल कटाई /मड़ाई कार्यक्रमों के सफल समापन हेतु कृषकों के सुलभ आवागमन हेतु पास जारी करते हुए क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से विकास खण्ड / न्यायपंचायत स्तर पर कृषकों, जनप्रतिनिधियों यथा ग्राम प्रधान,क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं ब्लॉक प्रमुखों को सम्मलित करते हुए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिसमें औसतन प्रति ग्रुप 256 सदस्य हैं। जिसके द्वारा विभागीय योजनाओं के संबंध में सामायिक कृषि कार्यों एवं समस्याओं के तुरन्त समाधान को गति मिल रही है। जनपद में आर्गेनिक मेटर की कमी को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर स्थापित राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर 40-40 कुन्टल ढैंचा बीज का वितरण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कृषकों को वितरण किया जा चुका है। जनपद में गेहूँ क्रय हेतु शासन द्वारा 26 गेहूँ क्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं, जिन पर पंजीकृत कृषकों द्वारा विक्रय किए जा रहे गेहूँ को शासन द्वारा निर्धारित दर रु.1925 प्रति कुन्टल की दर से गेहूँ क्रय किया जा रहा है।साथ ही गेहूँ क्रय करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, मास्क, सैनेटाइजेशन आदि का ध्यान रखा जाता है। सभी गेहूँ क्रय केन्द्रों द्वारा समय पर किसानों का भुगतान कर दिया जाता है।इसके अतिरिक्त कृषकों की समस्याओं के समाधान हेतु जनपद स्तर पर कन्ट्रोल रूप स्थापित किया गया है, जिस पर प्रातः 06 बजे से अपराह्न 02 बजे तक एवं अपराह्न 02 बजे से रात्रि 10 बजे तक 01-01 तकनीकी कर्मचारियों की तैनाती की गई है, जिससे की कृषकों की समस्याओं का निस्तारण शीघ्र ही किया जा सके।संबंधित द्वारा भी बताया गया कि जनपद में प्रधानमंत्री किसान योजना के अन्तर्गत 107396 का लक्ष्य प्राप्त है,जिसके सापेक्ष जनपद में कुल 127775 किसानों को पंजीकृत कराया जा चुका है।बताया गया कि जनपद में पंजीकृत किसानों के सापेक्ष 114594 कृषकों को प्रथम किस्त दे दी गयी है, जिसमें किसानों को रु. 229188000/- उनके खातों में दी जा चुकी है। जनपद में 107291 किसानों को द्वितीय किस्त, 103072 किसानों को तृतीय किस्त, 81571 किसानों को चतुर्थ किस्त एवं 71271 किसानों को पंचम किस्त दी जा चुकी है।इसके अलावा नोडल ऑफिसर द्वारा बॉर्डर,कम्युनिटी किचन एवं आदि जगहों का भी निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया।
शामली ।नोडल अधिकारी प्रेम रंजन सिंह द्वारा औधोगिक एरिया की स्टील इकाई का निरीक्षण