शासन-प्रशासन व्यापारियों की समस्या सनकर समाधान करें : नवीन गुप्ता

शासन-प्रशासन व्यापारियों की समस्या सनकर समाधान करें : नवीन गुप्ता
मेरठ। संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता ने कहा कि शासन और प्रशासन को चाहिए कि व्यापारियों से सीधा संवाद करें। समस्याएं जाने और समाधान करें। प्रशासन कोरोना संक्रमण रोकने के लिए विफल रहा लेकिन इसका दोष व्यापारियों पर मढ़ा जा रहा है। अब व्यापारियों, नवीन मंडी और बाजारों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जो ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री ने सख्ती की और अधिकारियों का जवाब तलब किया को अब पुलिस और प्रशासन व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहा है। कहा कि संयुक्त व्यापार संघ प्रशासन के साथ एक-एक बात को लेकर तथ्यों के साथ बहस करने को तैयार है। नवीन मंडी के हालात है कि खाद्यान, फल और सब्जी मंडी में माल सड़ रहा है। व्यापारियों को माल निकालने की अनुमति नहीं दी जा रही। फल मंडी में फल सड़ रहे है। रमजान के महीने में रोजेदारों के फल नहीं मिल रहे। सब्जियां आलू, प्याज, टमाटर सड़ गए। व्यापारियों के गोदामों में बीज सड़ रहा है। ज्वार, मक्का आदि बुआई का यह समय है। बारिश हुई है, जो किसानों के लाभ लाभप्रद रहता है। मंडी में बीज सड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस बाजारों में भीड़ नहीं रोक पा रही। आज क्या कोटला में पुलिस भीड़ को रोक पाई। कहा कि बाजारों को सुबह आठ बजे से पांच बजे तक सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए खुलवाया जाए। दो-तीन घंटे के बाजार खोलकर सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती। कहा कि शासन की सख्ती के बाद स्थानीय स्तर पर पुलिस-प्रशासन की मनमानी रोकी जाए। कहा कि प्रशासन के अविवेकपूर्ण निर्णयों से जनता के साथ‌ व्यापारी भी परेशान है। कहा कि लखनऊ से प्रमुख सचिव और आईजी ने दौरा तो किया, लेकिन व्यापारियों को बुलाकर वार्ता नहीं की। अधिकारियों को चाहिए कि व्यापारियों को बुलाकर समस्याएं जाने और समाधान करें। व्यापारियों, कारोबारियों की मदद करें। 
इधर, संयुक्त व्यापार संघ के संरक्षक अरुण वशिष्ठ ने कहा कि व्यापारी, कारोबारी, उद्यमी लगातार लॉक डाउन में सरकार के निर्णय का पालन कर रहे है। राष्ट्रीय धर्म का पालन करते हुए सरकार का साथ दे रहे है।  सरकार व्यापारियों के बारे में सोच रही है। प्रधानमंत्री ने विशेष पैकेज की घोषणा की। इंसानी जान की कीमत पर नहीं, लेकिन राहत मिलनी चाहिए। मेरठ और मुल्क ने तमाम कठिन दौरे देखे और झेले है, यदि आगे भी और कठिन दौर होगा तो सभी मिलजुलकर काटकर लेंगे और फिर सभी एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे।