उपेंद्र चौधरी द्वारा सी एम ओ शामली से स्वास्थ्य कर्मचारियों को उनके तैनाती स्थान पर ले जाने के लिए वाहन उपलब्ध कराने की मांग

सी एम ओ साहब आंगनवाड़ी की नहीं,  सही कम से कम अपने विभाग की  आशाओं ,  ए एन एम का तो रखें ध्यान रखें-----उपेंद्र चौधरी
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 शामली ।उत्तर प्रदेश आंगनवाड़ी कर्मचारी संघ के प्रदेश संयोजक उपेंद्र चौधरी  ने आज सी एम ओ शामली पर आरोप लगाए कि आंगनवाड़ियों को  कोरोना कि ड्यूटी के दौरान कोई सुविधा नहीं दी गई और न ही कोई किसी तरह का प्रशिक्षण दिया गया  उनके साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा सौतेला व्यवहार किया गया उस सब के बावजूद भी जैसे तैसे  आंगनवाड़ी के  द्वारा तो काम कर लिया गया लेकिन अब कल से जनपद शामली में टीकाकरण शुरू हो रहा है जिसके चलते आरोप लगाएंगे कि  ए एन एम  उनको अपने तैनाती गांव में जाने के लिए वाहनों की आवश्यकता होगी स्वास्थ्य विभाग द्वारा किसी भी तरह के किसी भी वाहन की कोई व्यवस्था नहीं की गई आपको बता दें कि अनेकों गांव रोड से हटके हैं जिसमें कई किलोमीटर तक पैदल जाना होता है ऐसे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई किसी तरह के यातायात की व्यवस्था नहीं करना और नहीं उनको किसी तरह की अन्य सुविधाएं किट वगैरा उपलब्ध कराना सीएमओ शामली की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है  या यूं कहिए कि  उनको एएनएम आंगनबाड़ी एवं आशा के सामने उत्पन्न होने वाली समस्याओं की तरफ कोई ध्यान ही नहीं है या समाधान करना नहीं चाहते यह तो कहना असंभव है लेकिन  यह बात स्पष्ट है कि जहां आज हर कोई स्वास्थ्य विभाग को  एक भगवान के रूप में देख रहा है  उनके ऊपर फूलों की वर्षा तक हो रही है उनको अपने विभाग एवं निस्वार्थ भाव से  स्वास्थ्य विभाग के कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे बाल विकास विभाग के किसी भी कार्यकर्ता या कर्मचारी  कि किसी भी तरह की समस्या का निदान करने तक की फुर्सत नहीं है 
 अब देखना यह होगा कि सीएमओ शामली इनकी कितनी समस्याओं को हल कर पाते हैं या नहीं जिस लगन से यह सभी अपने कार्य को करते हैं उसके 1% भी उच्च अधिकारी इनकी समस्याओं के निदान को गंभीरता से नहीं लेते अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि एएनएम कल किस तरह ड्यूटी कर पाएंगी जाएगी या नहीं जाएगी कोई पैदल जाएगा या गाड़ी मिलेगी लेकिन इतनी बात सच्चाई है कि इतना काम करने के बावजूद भी बुकिंग किस बिना किसी सुविधा के जा स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं आंगनवाडी अपने कार्य को अंजाम दे रही है वहीं अब हम भी उसी केटेगरी में आ गई है लेकिन दोनों की परिस्थितियों में अंतर है आंगनवाड़ी एवं आशा उसी गांव उसी फिल्ड उसी क्षेत्र में निवास करती है जबकि एएनएम अधिकतर जिला मुख्यालय पर निवास करती है इसलिए आंगनवाड़ी आशाओं को अपने क्षेत्र में काम करने में विशेष दिक्कत  उत्पन्न नहीं हुई न आने जाने में कोई दिक्कत का सामना करना पड़ा लेकिन अब यह तो कल ही पता लग पाएगा कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोई यातायात की सुविधा न दिए जाने के बावजूद कितनी एएनएम  टीकाकरण तक  पहुंच पाती है और टीकाकरण कितना सफल होता है या नहीं
 
इस मैसेज को पढ़ने वाले प्रत्येक व्यक्ति से अनुरोध कि जैसे आप स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों पुलिस एवं अन्य उन सभी कोरोना योद्धाओं पर फूलों की बारिश कर रहे हैं उसी क्रम में आंगनवाड़ी आशा एवं एएनएम को भी सम्मान देना न भूलें